ये तो आप सभी जानते हैं कि कोरोना संक्रमण के चलते करीब 7 महीनों से सभी तरह के शिक्षण संस्थान बन्द हैं। जिसे लेकर राज्य सरकार की त्रिवेंद्र सिंह रावत कैबिनेट ने सभी सरकारी और निजी स्कूल खोलने को लेकर मंजूरी दे दी है। परंतु विद्यालयों में सिर्फ 10वीं और12वीं की कक्षाएं ही संचालित होंगी क्योंकि इन कक्षाओं के विद्यार्थियों को बोर्ड परीक्षाओं जैसी बडी परीक्षा से होकर गुजरना पड़ता है इसलिए बच्चों को ध्यान में रखकर यह बड़ा फैसला लिया गया है। बडी बात यह है कि अभिभावकों पर बच्चों को स्कूल भेजने के लिए किसी भी प्रकार का दबाव नहीं बनाया जाएगा।
गौरतलब है कि सभी जिलों के जिलाधिकारियों व शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से स्कूलों को खोलने के लिए फीडबैक मांगे गए थे। इसी आधार पर मंत्रिमंडल में चर्चा की गई तथा कैबिनेट के बाद सरकार के शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने भी यह बताया कि सोशल डिस्टेंसिंग और केंद्र सरकार की सभी गाइडलाइंस का पालन स्कूल खोलने के दौरान किया जाएगा। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने भी इस बात पर मुहर लगाई है कि थर्मल स्कैनिंग के लिए फण्ड का इंतजाम अलग से किया जाएगा। कैबिनेट ने यह भी निर्णय लिया है कि सैनिटाइजेशन और थर्मल स्क्रीनिंग से संबंधित सारी व्यवस्था समग्र शिक्षा अभियान के तहत स्कूलों को दिए जाने वाले फंड से किए जाएंगे। Schools to Reopen in Uttarakhand
गाइडलाइन्स का किया जाएगा पालन
कैबिनेट के इस प्रस्ताव पर मुहर के साथ-साथ यह भी कहा गया कि केंद्र सरकार की ओर से जारी एसओपी (मानक प्रचलन कार्यविधि) के मुताबिक ही सभी कक्षाएं चलाई जाएंगी तथा इस संबंध में एक अलग ही एसओपी शिक्षा विभाग द्वारा भी जारी की जाएगी जिसका पालन सभी स्कूलों के खुलने के दौरान करना होगा।
अन्य कक्षाओं के लिए फैसला
मंत्रिमंडल के अनुसार कक्षा नौवीं और ग्यारहवीं के कक्षाएं फिलहाल नहीं चलाई जाएगी यदि सभी हालात दुरुस्त रहे तो 1 महीने के बाद ही इन कक्षाओं को चलाने का फैसला लिया जाएगा।
17 प्रस्तावों पर मिली मंजूरी
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई बैठक में विभिन्न फैसले लिए गए। जिसमें बोर्ड परीक्षार्थियों, प्रदेश के अधिकारियों और कर्मचारियों, ई-परिवहन कारोबारियों में वाहन चालकों, ई-रिक्शा चालकों समेत 2.43 लाख व्यक्तियों और वर्ग-4 तथा वर्ग-3 की भूमि पर कब्जा धारकों को आराम देते हुए बहुत सारे महत्वपूर्ण तथा बड़े फैसले लिए गए हैं।
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इस बैठक में कैबिनेट के पास 18 प्रस्ताव आए थे जिनमें से 17 प्रस्ताव पर मंजूरी के बाद 1 प्रस्ताव पर कमेटी बनाई गई है जो कि राजकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों को अनुदान दिए जाने को लेकर संबंधित है।
इसके अलावा खेल नीति में एक बड़ा बदलाव किया गया है ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले को 2 करोड़ रुपये, सिल्वर मेडल वाले को डेढ़ करोड़ तथा ब्रोंज मेडल जीतने वाले को एक करोड़ रुपए सरकार की तरफ से दिए जाएंगे।
विपक्ष द्वारा उठाये गए सवाल
प्रदेश में कांग्रेस के अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि सरकार का स्कूल खोलने का फैसला ठीक नहीं है। इससे बच्चों की सेहत के साथ खिलवाड़ होगा जो कि सही नहीं है। अब देखने वाली बात है कि सरकार का यह फैसला कितना सही साबित होता है।